surdas first two stanza and devs fatik sailani so sudharou sudha mandir kavit give bhasha shaili chand ras and alankar lin by line

मित्र सूर के प्रथम पद में साहित्यिक ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। अनुप्रास, रुपक तथा उत्प्रेक्षा अलंकार की छटा विद्यमान है। संगीतात्मकता विद्यमान है। श्रृंगार रस का प्रयोग किया है। 
दूसरे पद में साहित्यिक ब्रज भाषा, व्यंग्यात्मकता, संगीतात्मकता, वियोग श्रृंगार रस, अनुप्रास, रुपक, पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार। 

दव की भाषा ब्रज है। उपमा, रुपक, अनुप्रास तथा व्यतिरेक अलंकार, कवित्त छंद, लयात्मकता, संगीतात्मकता, चित्रात्मकता, प्रकृति चित्रण।  

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