upbokhat ki sanskriti mai lekhak nai kin-kin chizo ka ullekh kiya hai ??
नमस्कार मित्र!
उपभोक्तावाद की संस्कृति में लेखक ने मनुष्य की बदलती जीवन शैली, उत्पादों के प्रति लोगों में दीवानगी, सामंती संस्कृति, शरण हो रही हमारी संस्कृति, विज्ञापनों आदि का उल्लेख किया है। उन्होंने इस लेख में बढ़ रही संस्कृति पर चिंता, समाधान दोनों का भी उल्लेख किया है।
ढेरों शुभकामनाएँ!