पक्षियों को पिंजरे में बंद कने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता,अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है.इस विषय पर १२ पंक्तियों में लिखे .

मित्र!
पक्षियों को पिंजरे में कैद करने से उनकी आज़ादी का हनन नहीं होता, अपितु हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता है।-
१. पक्षी पर्यावरण चक्र से जुड़े होते हैं। हम उन्हें कैद करके पर्यावरण चक्र की कड़ी को तोड़ देते हैं।
२. पक्षी पेड़ों में लगे फलों का सेवन करते हैं। इस तरह वह उस पेड़ के बीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाते हैं। इस प्रकार पेड़ के बीज नए स्थान पर पनपकर पेड़ की प्रजातियों का विकास करते हैं। यह पेड़ की जातियों का विस्तार करते हैं तथा पर्यावरण की रक्षा भी करते हैं।
३. पक्षी पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों का सेवन भी करते हैं। इससे कीटों की संख्या में वृद्धि नहीं होती है और पेड़-पौधों की रक्षा भी हो जाती है।
४. ये कहीं-न-कहीं अन्य किसी प्रजाति का भोजन होते हैं। इससे उनका जीवन भी सुरक्षित होता है। क्योंकि प्रकृति ने किसी की आबादी को बढ़ने से रोकने के लिए संपूर्ण इतंजाम किया हुआ है।
५. पक्षी प्रकृति का अभिन्न अंग हैं। इनके बिना वातावरण नीरस हो जाएगा। इनकी चहचाहट और मधुर स्वर प्रकृति में नया रस भर देते हैं। 

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