निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
जिसने मरना सीख लिया है, जीने का अधिकार उसी को।
जो काँटों के पथ पर आया, फूलों का उपकार उसी को।
हँस-हँस कर इक मस्ती लेकर, जिसने सीखा है बलि होना।
अपनी पीड़ा पर मुस्काना, औरों के कष्टों पर रोना।
जिसने सीख लिया है, संकट है त्योहार उसी को।
1. जीने का अधिकार किसे है?
2. इस कविता में काँटे और फूल किसके प्रतीक हैं?
3. फूलों का उपकार किस पर है?
4. इस कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
5. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
रास्ता, दुख
(1) जिसने मरना सीख लिया है, उसे जीने का अधिकार कहते हैं।
(2) इस कविता में काँटे संघर्ष तथा फूल सफलता का प्रतीक हैं।
(3) जो व्यक्ति संघर्षों से लड़कर आगे बढ़ता रहता है। जिसका जीवन दूसरों की सहायता करने के लिए समर्पित है, उसे ही फूलों का उपकार है।
(4) इस कविता से हमें संघर्षों से लड़ने की, निरंतर आगे बढ़ने की तथा मानवता के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
(5) मार्ग, पथ/ कष्ट, पीड़ा
(2) इस कविता में काँटे संघर्ष तथा फूल सफलता का प्रतीक हैं।
(3) जो व्यक्ति संघर्षों से लड़कर आगे बढ़ता रहता है। जिसका जीवन दूसरों की सहायता करने के लिए समर्पित है, उसे ही फूलों का उपकार है।
(4) इस कविता से हमें संघर्षों से लड़ने की, निरंतर आगे बढ़ने की तथा मानवता के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
(5) मार्ग, पथ/ कष्ट, पीड़ा