भारत की सांस्कृतिक एकता: संकेत बिंदु 1. अनेकता में एकता 2. हमारे पर्व और त्योहार 3.एकता के संदेशवाहक 4. सांस्कृतिक एकता का अर्थ
प्रिय विद्यार्थी,
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसमें अनेकों संस्कृतियाँ , जातियाँ, धर्म व संप्रदाय मिल-जुलकर शांतिपूर्वक रहते हैं। अनेकता में एकता ही भारत की विशेषता है, जिसके कारण भारत निरंतर प्रगति कर रहा है। जितनी विविध भारत की संस्कृतियाँ व संप्रदाय हैं उतने ही विविध हैं यहाँ के त्योहार और पर्व। चाहे दीपावली हो या ईद, गुरुपर्व हो या क्रिसमस, यहाँ सभी धर्म के लोग मिलकर एक-दुसरे के त्योहारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस प्रकार पूरे वर्ष भारत में त्योहारों का मौसम बना रहता है। ये पर्व ही हमारी राष्ट्रीय एकता के संदेशवाहक हैं जो समूचे विश्व को एकता का सन्देश देते हैं। इसी राष्ट्रीय एकता के कारण ही विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देखता है। भारत अपने हर प्रान्त में अलग बोली, अलग वेश-भूषा और अलग खान-पान होने के बावजूद भी परस्पर सहयोग से रहकर एक नयी अद्भुत संस्कृति दर्शाता है जिसे सांस्कृतिक एकता कहा जा सकता है। इस एकता ने भारत को नई ऊँचाईयों से जोड़ दिया है। उसके लिए विकास के हजारों नए रास्ते खुल गए हैं। यही एकता के मंत्र का चमत्कार है।
आभार।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसमें अनेकों संस्कृतियाँ , जातियाँ, धर्म व संप्रदाय मिल-जुलकर शांतिपूर्वक रहते हैं। अनेकता में एकता ही भारत की विशेषता है, जिसके कारण भारत निरंतर प्रगति कर रहा है। जितनी विविध भारत की संस्कृतियाँ व संप्रदाय हैं उतने ही विविध हैं यहाँ के त्योहार और पर्व। चाहे दीपावली हो या ईद, गुरुपर्व हो या क्रिसमस, यहाँ सभी धर्म के लोग मिलकर एक-दुसरे के त्योहारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस प्रकार पूरे वर्ष भारत में त्योहारों का मौसम बना रहता है। ये पर्व ही हमारी राष्ट्रीय एकता के संदेशवाहक हैं जो समूचे विश्व को एकता का सन्देश देते हैं। इसी राष्ट्रीय एकता के कारण ही विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देखता है। भारत अपने हर प्रान्त में अलग बोली, अलग वेश-भूषा और अलग खान-पान होने के बावजूद भी परस्पर सहयोग से रहकर एक नयी अद्भुत संस्कृति दर्शाता है जिसे सांस्कृतिक एकता कहा जा सकता है। इस एकता ने भारत को नई ऊँचाईयों से जोड़ दिया है। उसके लिए विकास के हजारों नए रास्ते खुल गए हैं। यही एकता के मंत्र का चमत्कार है।
आभार।