प्रश्न 1 कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर स्पष्ट कीजिए । उदाहरण सहित।
 प्रश्न 2 द्विगु और बहुव्रीहि समास में अंतर स्पष्ट कीजिए । उदाहरण सहित ।
 प्रश्न 3 निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह कर समास का नाम लिखिए -
महात्मा,  तिरंगा,  गजानन,  कमलनयन, त्रिवेणी, अंधविश्वास,  चौमासा,  षडानन, वीणापाणि,  मेघनाद, कनकलता

प्रिय विद्यार्थी , 

आपके प्रश्न का उत्तर है -
1. कर्मधारय समास - इस समास के दोनों पदों में विशेषण और विशेष्य का संबंध होता है और इसमें उत्तर पद प्रधान होता है । 
उदाहरण - नीलकंठ - नीला है जो कंठ 
बहुव्रीहि समास - इस समास के दोनों पदों में विशेषण और विशेष्य का संबंध नहीं होता है और इसमें दोनों पदों के स्थान पर कोई तीसरा पद प्रधान होता है । 
उदाहरण - नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव 

2. द्विगु समास - इसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य होता है । 
उदाहरण - त्रिलोचन - तीन लोचनों का समूह , त्रिवेणी - तीन वेणियों का समूह
बहुव्रीहि समास - इस समास के दोनों पदों में विशेषण और विशेष्य का संबंध नहीं होता है और इसमें दोनों पदों के स्थान पर कोई तीसरा पद प्रधान होता है । 
उदाहरण - त्रिलोचन - तीन लोचन हैं जिसके अर्थात शिव , त्रिवेणी - जहाँ तीन वेणियाँ मिलती हो अर्थात प्रयाग

3. समास विग्रह 
महात्मा - महान है जो आत्मा [ कर्मधारय समास ]
गजानन - गज के समान आनन वाला अर्थात गणेश [ बहुव्रीहि समास ]
तिरंगा - तीन रंगों का समूह [ द्विगु समास ]
कमलनयन - कमल के समान नयन वाला अर्थात विष्णु [ बहुव्रीहि समास ]
त्रिवेणी - तीन वेणियों का समूह [द्विगु समास ]
अंधविश्वास - अंधा है जो विश्वास [ कर्मधारय समास ]
चौमासा - चार मासों का समूह [ द्विगु समास ]
​​​​​षडानन - षड (छह) आनन हैं जिसके [ कर्मधारय समास ]
वीणापाणि - वीणा है पाणि (हाथ) में जिसके अर्थात सरस्वती [  बहुव्रीहि समास ]
मेघनाद - मेघ के समान नाद करने वाला अर्थात रावण का पुत्र [  बहुव्रीहि समास ]
कनकलता - कनक के समान लता [ कर्मधारय समास ]

आभार । 

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