an essay on atankwad antarashtria samasiya as soon as possible pls..

'आतंकवाद' का नाम सुनते ही मन में दहशत जाग उठती है। आतंकवाद विश्व शान्ति के लिए सबसे बड़ी बाधा है। आज पूरा विश्व आतंकवाद रूपी बीमारी के आगे बेबस है। यह विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यह अंतर्रराष्ट्रीय समस्या बनता जा रहा है। समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही है परन्तु कुछ असामाजिक तत्वों की सोच वहीं की वहीं अटकी हुई है। किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था और उसकी सुरक्षा पर एक सवालिए निशान की भांति है, आतंकवाद। पहले इसका स्तर छोटे-छोटे भू-भागों के लिए लड़ने वाले वर्गों तक सीमित था। परन्तु अब यह समस्त विश्व में फैल रहा है। आतंकवाद आंतरिक विद्रोह से जन्म लेता है। जब यह देश से बाहर व्यापक स्तर पर फैल जाता है, तो आतंकवाद का रूप धारण कर लेता है। हिंसा का भयानक रूप आतंकवाद है। मानवता, भाईचारा, प्रेम, सद्भावना और शान्ति जैसी भावनाओं का इनके लिए कोई मोल नहीं है। बस अपनी मांगों को पूरा करने के लिए हिंसा करना इनके लिए आम बात है। मानवता इनके भयंकर इरादों के आगे दम तोड़ती नज़र आ रही है। आतंकवाद रूपी बीमारी को राजनीति में भी भुनाया जाता है। एक गंदी राजनीति और भयंकर अपराधियों के परस्पर संयोग से आतंकवाद नाम की बीमारी उत्पन्न होती है। इनका मुख्य हथियार है- डर। लोगों के ह्दय में हिंसा के माध्यम से डर पैदा करो और उनपर राज करो। यह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करता, यह तो गोली के आधार पर शासन करने में विश्वास रखता है, अपनी अनुचित मांगों को रक्त बहाकर मनवाने में विश्वास रखता है। इसके लिए दया, ममता और अहिंसा जैसे शब्द खोखले हैं। भारत में आतंकवाद की आए दिन वीभत्स घटनाएँ होती रहती हैं। आतंकवादी संगठन,  भारत की एकता और अखण्डता को तोड़कर अपने भयानक इरादे पूरे करना चाहते हैं। अमेरिका की वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इमारत इनके भयानक कृत्यों का उदाहरण हैं, जहाँ दस हज़ार लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इसके विरूद्ध आज पूरे विश्व को एक होकर खड़े होने की आवश्यकता है, तभी इस बीमारी से मुक्त हुआ जा सकेगा।

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