Ans pls
मित्र!
हम एक बार में एक ही प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं। आप अपने प्रश्न पुन: पूछ सकते हैं।
कवि ने ईश्वरत्व कायम रखने के लिए मनुष्य को मनुष्यत्व मानने को कहा है। कवि कहते हैं पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो। धर्म के नाम पर दंगे इत्यादि बहुत अत्याचार होते रहते हैं। इनका साहस के साथ और दृढ़ता अपनाकर मुकाबला करना पड़ेगा। पूजा-अर्चना को छोड़ कर अच्छे कर्मों और लोगों के परोपकार पर ध्यान देना चाहिए। इंसान बनो और समाज के साथ-साथ दूसरों की सेवा करो।
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कवि ने ईश्वरत्व कायम रखने के लिए मनुष्य को मनुष्यत्व मानने को कहा है। कवि कहते हैं पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो। धर्म के नाम पर दंगे इत्यादि बहुत अत्याचार होते रहते हैं। इनका साहस के साथ और दृढ़ता अपनाकर मुकाबला करना पड़ेगा। पूजा-अर्चना को छोड़ कर अच्छे कर्मों और लोगों के परोपकार पर ध्यान देना चाहिए। इंसान बनो और समाज के साथ-साथ दूसरों की सेवा करो।