Answer this question in Hindi 
1. चुम्बक के लिए दूसरा शब्द है लौहमणि। विनम्र वाणी किस प्रकार एक लौहमणि के समान कार्य करती है?

मित्र, हम आपको इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा और आपका लेखन कौशल बढ़ेगा।

मनुष्य के जीवन में विनम्र वाणी का बहुत महत्व होता है। विनम्र वाणी लौहमणि के समान होती है, जिसके द्वारा मनुष्य अन्य लोगों से संबंध स्थापित करता है। अपने मन के भावों और विचारों का आदान-प्रदान भी वाणी के कारण ही संभव हो पाया है। विद्वानों के अनुसार यदि मनुष्य सबको अपना मित्र बनाना चाहता है, तो उसे अपनी वाणी मीठी और विनम्र रखनी चाहिए। विनम्र वाणी से वह अपने शत्रुओं को भी परास्त कर सकता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कौआ और कोयल हैं। कौआ किसी का अहित नहीं करता है और कोयल किसी का हित नहीं करती है। परन्तु लोग कौए का स्वर सुनते ही मुँह बना लेते हैं और कोयल की कू-कू सुनते ही मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। यह विनम्र वाणी का ही प्रताप है जो कि लोग कोयल का मधुर स्वर सुनकर उसकी प्रशंसा करने लगते हैं। जबकि कौआ और कोयल दोनों काले होते हैं। विद्वानों के अनुसार वाणी ऐसी होनी चाहिए जो दूसरों का मन हर ले। जो वाणी मित्र के स्थान पर शत्रुओं की संख्या में बढ़ोतरी करे, ऐसे में न बोलना ही उचित है। लोगों के अनुसार विनम्र वाणी औषधि के समान कार्य करती है और कठोर वाणी तीर के समान कार्य करती है। अत: सही कहा गया है कि मनुष्य को विनम्र वाणी ही रखनी चाहििए ताकि लोक लौहमणि के समान खींचते चले आएं। 




 

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