anuched lekan....
1) smart class ki upyogita
- chatron ke adik skreyata
- keshyavastu ka adegm
- km se kam smy me adek jankari
- chatron par prabav....
pls answer asap.... thnk u
समय के साथ शिक्षा की दशा और दिशा दोनों बदल गई। समझने के लिए अपनी जिंदगी को पांच साल पीछे ले चलो। स्कूली शिक्षा का स्तर कैसा रहा होगा। क्लास रूम में ब्लैक बोर्ड और सामने हाथ में चॉक लिए विषय संबंधी ज्ञान देते टीचर। पहले तो एक ही टीचर कई विषयों का मास्टर होता था। बच्चे क्या पढ़ें, क्या समझें किसी से कोई मतलब नहीं। लेकिन तस्वीर पूरी तरह अब बदल चुकी है। शिक्षा अब हाइटेक रूप ले चुकी है। आज की आधुनिकता से तालमेल बैठाकर शिक्षा अब रफ्तार पकड़ चुकी है। बस जरूरत है, समझकर इसे लपकने की। इस क्लास की सबसे खास बात यह है कि इसके जरिए हर एक विषय को आसानी से समझा जा सकता है। यानी कम समय में ज्यादा पढ़ाई वो भी किफायती। यही वजह है कि आज लगभग सभी निजी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस चलाई जा रहीं हैं। विद्यार्थी रुचि के साथ पढ़ाई करते हैं।
> शिक्षा की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है।
> लर्निंग सेंस का विकास होता है।
> कान्सेप्ट को समझने में आसानी होती ह
>कम समय में ज्यादा पढ़ाई हो
जाती है !
>70 फीसदी सिलेबस कम समय में पूरा हो जाता है।
स्मार्ट क्लासेस के बारे में जानिए इनकी राय आधुनिक युग की सुविधा है
स्मार्ट क्लासेस
जमाना साइंस का है। स्मार्ट क्लासेस इसी की देन है। बच्चे मजे के साथ पढ़ते हैं। शिक्षा की दिशा में मील का पत्थर है यह प्रणाली। आज का विद्यार्थी बहुत ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। इनकी जिज्ञासा को शांत करनी की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है। इसके द्वार पाठ्यक्रम रुचिकर व सरल हो जाता है। चित्रों के माध्यम से कठिन से कठिन विषयों को सरलता से समझा जा सकता है। इसका ज्ञान जल्दी भूलता नहीं
> शिक्षा की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है।
> लर्निंग सेंस का विकास होता है।
> कान्सेप्ट को समझने में आसानी होती ह
>कम समय में ज्यादा पढ़ाई हो
जाती है !
>70 फीसदी सिलेबस कम समय में पूरा हो जाता है।
स्मार्ट क्लासेस के बारे में जानिए इनकी राय आधुनिक युग की सुविधा है
स्मार्ट क्लासेस
जमाना साइंस का है। स्मार्ट क्लासेस इसी की देन है। बच्चे मजे के साथ पढ़ते हैं। शिक्षा की दिशा में मील का पत्थर है यह प्रणाली। आज का विद्यार्थी बहुत ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। इनकी जिज्ञासा को शांत करनी की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है। इसके द्वार पाठ्यक्रम रुचिकर व सरल हो जाता है। चित्रों के माध्यम से कठिन से कठिन विषयों को सरलता से समझा जा सकता है। इसका ज्ञान जल्दी भूलता नहीं