Apne dwara kiye gaye kisi yatra anubhav ka varnan kijiye
मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है-
गर्मी की छुट्टियों में सभी लोग कहीं न कहीं घूमने जाते हैं। मैं भी इस बार मंदिरों के देश ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर गया था। इस यात्रा का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। हम लोग राजधानी ट्रेन से भुवनेश्वर गए। वहाँ पर हम लोगों ने स्थानीय बाज़ार से बहुत सी खरीददारी की। हाथ से बने सामान ख़रीदे। अगले दिन हम लोग सुबह-सुबह पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर गए। इस मंदिर में वर्ष में एक बार रथ यात्रा उत्सव मनाया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालू भगवान् के दर्शन करने आते हैं। उसके बाद हम लोग लिंगराज मंदिर गए । यहाँ भगवान शिव की पूजा की जाती है । लिंगराज मंदिर के बाद हम लोग कोणार्क मंदिर देखने के लिए गए। कोणार्क घूमने के बाद हम लोग वापस दिल्ली आ गए। यह यात्रा मेरे जीवन की सबसे यादगार यात्रा थी ।
आपका उत्तर इस प्रकार है-
गर्मी की छुट्टियों में सभी लोग कहीं न कहीं घूमने जाते हैं। मैं भी इस बार मंदिरों के देश ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर गया था। इस यात्रा का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। हम लोग राजधानी ट्रेन से भुवनेश्वर गए। वहाँ पर हम लोगों ने स्थानीय बाज़ार से बहुत सी खरीददारी की। हाथ से बने सामान ख़रीदे। अगले दिन हम लोग सुबह-सुबह पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर गए। इस मंदिर में वर्ष में एक बार रथ यात्रा उत्सव मनाया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालू भगवान् के दर्शन करने आते हैं। उसके बाद हम लोग लिंगराज मंदिर गए । यहाँ भगवान शिव की पूजा की जाती है । लिंगराज मंदिर के बाद हम लोग कोणार्क मंदिर देखने के लिए गए। कोणार्क घूमने के बाद हम लोग वापस दिल्ली आ गए। यह यात्रा मेरे जीवन की सबसे यादगार यात्रा थी ।