apne mithr ko grishmaavakash sath bithane hethu pathr

नमस्कार मित्र,

3, शांति निकेतन,

 नई दिल्ली-110021 

दिनांक: ............. 

प्रिय मित्र कमल, 

बहुत प्यार! 

बहुत समय से तुमने कोई पत्र नहीं लिखा है। आशा करता हूँ कि तुम वहाँ कुशलपूर्वक होगे। मित्र अगले हफ्ते से ग्रीष्मकालीन अवकाश आरंभ हो जाएँगे। तुमने मुझसे गत वर्ष वादा किया था कि तुम यह अवकाश मेरे साथ बिताओगे। तुम्हें स्मरण कराने हेतु पत्र लिख रहा हूँ। इस बार मैंने सोचा है कि हम दोनों दार्जिलिंग जाएँगे।

इस समय पूरा दार्जिलिंग सैलानियों से भरा पड़ा होगा। भारत के हर हिस्से से लोग वहाँ पर घुमने जाते हैं। गर्मियों में दार्जिलिंग जाने का अपना ही आनंद है। हिमालय के पास स्थित होने के कारण यहाँ वातावरण बहुत ही ठंडा रहता है। इसके सौन्दर्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। हरे-भरे पहाड़, चाय के बागान, ऊँचे-ऊँचे चीड़ के वृक्ष मन को मोह लेते हैं। हम दोनों वहाँ खुब मौज-मस्ती करेंगे। 

अतः मेरा निवेदन है कि तुम जितनी शीघ्र हो सको मेरे घर आ जाओ। मेरे पिताजी एक-दो दिन में तुम्हारे पिताजी से बात कर लेंगे। आशा करता हूँ कि तुम मुझे अपने आने की तिथि लिखकर भेज दोगे। मैं और पिताजी तुम्हें स्टेशन पर लेने आ जाएँगे। पत्र समाप्त करता हूँ। घर में सभी बड़ों को मेरा नमस्कार कहना और छोटों को प्यार। तुम्हारे पत्र का इंतज़ार रहेगा। 

तुम्हारा मित्र,

जय

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