Ashram Mein kaam karne ya karwane ka konsa Tarika Gandhiji Apna the se padh padh kar likho

मित्र !
 आपका उत्तर इस प्रकार है।

गांधी
जी अपना काम स्वयं करना पंसद करते थे, वे आश्रम का कार्य भी करते थे तथा दूसरे से काम लेने में सख्ती भी बरतते थे। गांधी जी को काम करता देखकर बाकी लोगों को ऐसे ही बैठे रहना अच्छा नहीं लगता था तथा वे लज्जित होकर काम करने लग जाते थे। किसी के पूछने पर गांधी जी उन्हें काम करने से रोकते नहीं थे। गांधी जी आश्रम के लोगों से काम करवाने का तरीका जानते थे। काम करने के बाद उन्हें धन्यवाद भी देते थे।

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