Balgobind bhagat ko Kabir panthi kyun Kya jata tha
Answer in Hindi
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मित्र
बालगोबिन
भगत को कबीरपंथी  इसलिए कहा जाता था क्योंकि  उनके द्वारा कबीर पर श्रद्धा निम्नलिखित रुपों में प्रकट हुई है 
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(1) कबीर गृहस्थ होकर भी सांसारिक मोह-माया से मुक्त थे। उसी प्रकार बाल गोबिन भगत ने भी गृहस्थ जीवन में बँधकर भी साधु समान जीवन व्यतीत किया।

(2) कबीर के अनुसार मृत्यु के पश्चात् जीवात्मा का परमात्मा से मिलन होता है। बेटे की मृत्यु के बाद बाल गोबिन भगत ने भी यही कहा था।

(3) बालगोबिन भगत खेती द्वारा प्राप्त अनाज की राशि को कबीर मठ में भेंट दे देते थे और जो थोड़ा बहुत प्रसाद स्वरुप मिलता उससे अपना गुज़र-बसर करते थे। कबीर के विचार भी कुछ इस प्रकार के ही थे -

"साई इतना दीजिए, जामे कुटुम समाए।

मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भूखा जाए।।

(4) कबीर की तरह बालगोबिन भगत भी कनफटी टोपी पहनते थे, रामानंदी चंदन लगाते थे तथा गले में तुलसी माला पहनते थे।

(5) कबीर गाँव-गाँव, गली-गली घूमकर गाना गाते थे, भजन गाते थे। बाल गोबिन भगत भी इससे प्रभावित हुए। कबीर के पदों को वे गाते फिरते थे।

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R u idi.ot if u doesn't know the answer of my question then why u give answer dear
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