Bhav aspstha kare... Mainly of second line plz
नवाब साहब का सहसा भाव-परिवर्तन अच्छा नहीं लगा । भांप लिया, आप शराफत का गुमान बनाए रखने के लिए हमें भी मामूली लोगों की हरकत में लथेड़ लेना चाहते हैं । जवाब दिया `शुक्रिया किबला शौक फरमाएं । `
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
नवाब साहब दिखावे में अधिक विश्वास रखते थे। खीरा काटने से पहले पूछ कर अपना बड़प्पन दिखाना चाहते थे। वे दिखाना चाहते थे कि उनकी नज़रों में सब बराबर हैं और उनके अंदर कितनी शराफत है ।