bihari ke dohe ke chate dohe ka matlab
बिहारी जी कहते हैं कि एक प्रेमिका अपने प्रेमी को प्रेम से भरा पत्र लिखना चाहती है परन्तु वह लिखने में असमर्थ है। वह किसी सन्देशवाहक के द्वारा अपना सन्देश प्रेमी को देना चाहती है लेकिन लज्जा के कारण वह उस सन्देशवाहक को कह नहीं पाती। अंततः वह कहती है कि हे प्रिय, तुम मेरे हृदय की सभी बातों को अपने हृदय पर हाथ रखकर महसूस कर लो।