Bihari ko gaager m sagar bharna wala kyu kha jata h

मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है -

बिहारी जी के 'दोहे' गागर में सागर के समान होते हैं। कहने के लिए वे बहुत छोटे  हैं मगर उनके अर्थ बहुत गहरे हैं। उनके दोहों में भक्ति और प्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी हुई है। उनमें श्रृंगार रस का सुंदर रूप भी देखने को मिलता है। उनके कुछ सुंदर दोहों का समावेश इस पाठ में किया गया है। प्रथम दोहे में उन्होंने पीताम्बर पहने सांवले कृष्ण की तुलना नीलमणि प्रर्वत से की है जिस पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा है। दूसरे दोहे में उन्होंने ग्रीष्मऋतु में जंगल के सभी प्राणियों द्वारा साथ रहने की बात कही है। उनके अनुसार ऐसा लग रहा है मानो ऋषि के तपोबल के कारण सभी साथ रहने के लिए विवश हैं। तीसरे दोहे में गोपियों ने कृष्ण को तंग करने के उद्देश्य से उनकी मुरली छुपा दी है। चौथे दोहे में उन्होंने दो प्रेमी जोड़ों के बीच सभा में इशारों के द्वारा की गई बातों को दर्शाया है। पाँचवें दोहे में ग्रीष्मऋतु की प्रंचडता का वर्णन किया हुआ है। छठे दोहे में परदेश गए प्रेमी को प्रेमिका अपने ह्दय का हाल लिखने में स्वयं को असमर्थ पाती है। सातवें दोहे में बिहारी जी अपने आराध्य देव कृष्ण और अपने पिताजी से अपने दुख-दर्द मिटाने का आग्रह करते हैं। आठवें दोहे में वह मनुष्य को आडंबरों के स्थान पर सच्ची भक्ति करने के लिए प्रेरित करते हैं।

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because bihari isko he khataya hai
 
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exam idea me diya hua h
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Bihari ko gaager me sagar bharne wala kaha jata hai kyonki wah apne dohe me kam shabdo me bahut bada arth samjha dete the.

बिहारी को गागर में सागर भरने वाला कहा जाता है क्योंकि वह अपने दोहे में कम शब्दों में बहुत बड़ा अर्थ समझा देते थे l

Hope this helps! x
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Because Bihar's people teach the indispensable thinks in a few sentence by that reason called ... I thinks it help u
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