can any one tell me the meaning of 3& last doha of this chapter?
Hi Yukti,
कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य को चाहिए कि स्वयं का ह्दय शीतल व साफ़ रखे। शीतल व साफ़ ह्दय वाले व्यक्ति का कोई शत्रु नहीं होता। सब उससे प्रेम करते हैं और उसका सम्मान करते हैं। कबीरदास जी आगे कहते है कि मनुष्य को अपने अहंकार को त्याग कर सबके लिए अपने मन में दया की भावना रखनी चाहिए। ऐसा स्वभाव जग में शत्रु का नहीं बल्कि प्रेमभाव का प्रसार करता है।
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ !