can I have a paragraph on increasing terrorism in india in hindi ...pls ...its urgent

मित्र हम इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे आप स्वयं आगे लिखिए-
आतंकवाद ' का नाम सुनते ही मन में दहशत जाग उठती है। समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही है परन्तु कुछ असामाजिक तत्वों की सोच वहीं की वहीं अटकी हुई है। आज यह विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था और उसकी सुरक्षा पर एक सवालिए निशान की भांति है, आतंकवाद। पहले इसका स्तर छोटे-छोटे भू-भागों के लिए लड़ने वाले वर्गों तक सीमित था। परन्तु अब यह समस्त विश्व में भंयकर बीमारी की तरह उभर रहा है। आतंकवाद का भयानक रूप हिंसा है। आज इस आतंकवाद बीमारी को राजनिति में भी भुनाया जाता है। एक गंदी राजनीति और भयंकर अपराधियों के परस्पर संयोग से आतंकवाद नाम की बीमारी उत्पन्न होती है। यह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करता, यह तो गोली के आधार पर शासन करने में विश्वास रखता है। स्वतंत्रता और अपनी नाजायज़ मांगों को रक्त बहाकर मनवाने में विश्वास रखता है। इसके लिए दया, ममता और अहिंसा जैसे शब्द खोखले हैं। आतंकवाद जन्म ही आंतरिक विद्रोह से जन्म लेता है। जब यह देश से बाहर व्यापक स्तर पर फैल जाता है तो आतंकवाद का रूप धारण कर लेता है। अलकायदा और तालिबान गुट इसके सबसे बड़े उदाहरण है। भारत में तो आतंकवाद ने समय-समय पर अपनी क्रुरता की छाप छोड़ी है। आए दिन आंतकवादी इसे अपना निशाना बनाते रहे हैं। 26/11 का दर्दनाक हादसा आज भी लोगों को दहला जाता है। आतंकवाद की जड़ें भारत में भारत-पाकिस्तान के समय से आरंभ हो चुकी हैं। इससे निपटने का जितना भी प्रयास किया जाए कहीं न कहीं से आतंकवादी आज़ादी के नाम पर सर उठा ही देते हैं। सीमा पर गैरकानूनी तरीकों से घुसपैठ करना और देश में आंतक फैलाकर अपनी माँगे मनवाना इनका उद्देश्य है। इनके कारण सीमा पर अनगिनत सैनिक मारे जाते हैं, लाखों की संपत्ति का नुकसान होता है। 

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