ch dhul pe anuched based on ch dhul how it ( make change) in paryavaran plz fast...

मित्र धूल पाठ के आधार पर लिखे तो  धूल जीवन के लिए आवश्यक है। किसान के हाथों पर पहलवान के शरीर पर, पत्तो तथा फूलों और बच्चे के मुख पर इसका सौंदर्य अद्भुत होता है। गाँव में तो गोधूलि पर धूल का स्पर्श पवित्र होता है। लेकिन यदि दूसरी स्थिति देखें, तो पर्यावरण पर धूल का वातावरण पर बुरा असर पड़ता है। चारों तरफ धूल फैल जाती है, तो साँस लेने में तकलीफ होती है। आँखों से देखना असंभव हो जाती है। साँस के लोगों के लिए तो यह अनिष्टकारी हो जाती है। धूल की आँधी से जन-जीवन तथा वातावरण अस्त-व्यस्त हो जाता है।

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