chandra gehna se lotti ber ka kendriye bhaw spasht kijiye...??? ply reply fast...

मित्र इस कविता में कवि ने प्रकृति को अपनी कल्पना के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इसामें कवि और प्रकृति के बीच प्रेम व्यक्त हुआ है। कविता में कवि ने गाँव के रास्ते में पड़ने वाले खेत व तालाब की प्रकृति सुंदरता का वर्णन किया है। एक बार लेखक चंद्र गहना नामक गाँव से आ रहा होता है। उसे वहाँ प्रकृति अपनी ओर आकर्षित करती हुई प्रतीत होती है। उसे एक ठिगना चने का पौधा दिखता है, जिसके सर पर गुलाबी फूल साफे (पगड़ी) के समान लगता है। वह दुल्हे के समान प्रतीत होता है। वहीं पास में अलसी का पौधा है जो सुन्दर युवती के भांति लगता है। खेत में सरसों का पौधा विवाह योग्य लड़की के समान लगता है। उसके समीप से रेल भी होकर गुजरती है। पास में तालाब की शोभा देखने लायक है। किनारे पर पत्थर पड़े हुए हैं, मछली की ताक में बगुला चुपचाप खड़ा है। दूर सारस के जोड़े का स्वर सुनाई दे रहा है। यह सब कवि का मन मोह लेते हैं।

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