Character sketch of:

  • Mannu Bhandari,
  • Her father
  • Her teacher.

मित्र हम लेखिका के पिता का चरित्र-चित्रण दे रहे हैं। अन्य आप स्वयं करने का प्रयास करें-

 लेखिका के पिता एक तरफ नई सोच के व्यक्ति थे, तो दूसरी ओर अपनी सामाजिक छवि के लिए भी संवेदनशील थे। वह चाहते थे कि उनकी बेटी पढ़े-लिखे। साथ ही वह राजनीति तथा देश की स्थिति के विषय में सुने और अपनी प्रतिक्रिया दें। परन्तु जब उनकी बेटी इस ओर कदम बढ़ाती थी, तो वह समाज के डर से उसी के विरुद्ध हो जाते थे। किसी अन्य व्यक्ति से अपनी बेटी की प्रशंसा सुनकर बेटी पर गर्व करने लगते थे। लेखिका पिता के इस स्वभाव से परेशान थी। क्योंकि जहाँ वह नयी सोच के समर्थक थे, वहीँ वह सामाजिक छवि को लेकर भी सचेत थे। जोकि उचित नहीं था।

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