#chaya mat chuna....is lines ke arth lik dijiye..
तन-सुगंध शेष
रही, बीत गई यामिनी,
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी।
भूली सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
उसके तन की सुंगध, जिसकी याद मात्र रह गई है।
अब वह साथ बिताई चाँदनी रात बीत गई है।
उसकी याद कुंतल के फूलों के समान हो गई है।
उसकी याद मुझे हर क्षण प्रसन्नता देती है।
वह क्षण वह याद आज भी मेरी आँखों में जीवित हो जाती है।
 

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