chote bhai ko sadachar ka mahatva bathathe huye aek patr likhiye

 

पता ...........

दिनाँक ......

प्रिय भाई राघव,

बहुत प्यार!

कल पिताजी का पत्र आया था। उसे पढ़कर ज्ञात हुआ कि तुम आजकल बुरा व्यवहार कर रहे हो। बड़ों के साथ अभद्र व्यवहार करना और मित्रों को मारना-पीटना तुम्हारे स्वभाव में नहीं था। भाई एक बात सदैव याद रखना कि सदाचार मनुष्य का सबसे बड़ा गहना है। जो मनुष्य सदाचार भरा जीवन जीता है, उसके शत्रु के स्थान पर मित्र अधिक होते हैं। वह सबके प्रेम तथा आदर का पात्र होता है। ऐसा व्यक्ति समाज में सराहा जाता है। तुम्हें चाहिए कि सदाचार को अपने जीवन में अपनाओ और सबसे प्रेम तथा आदर का व्यवहार करो।

आशा करता हूँ कि तुम मेरी बात मनोगे औ सदाचार को अपनाओगे।

तुम्हारा भाई

रमन

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