Could I please have the summary for Aatmatran
Hi!
आत्मत्राण कविता में कवि मनुष्य को भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता है चाहे कितना मुशिकल समय हो, कितनी विपदाएँ जीवन में हों परन्तु हमारी आस्था भगवान (तुम) पर बनी रहनी चाहिए क्योंकि जीवन में थोड़ा-सा दुख आते ही मनुष्य का भगवान पर से भरोसा हट जाता है परन्तु कवि इसके विपरीत भगवान से प्रार्थना करता है की आप बस मेरे मन में अपने प्रति विश्वास को कम मत होने देना। उसके अनुसार भगवान पर विश्वास ही उसे सारी विपदाओं व कठिनाइयों से उभरने की शक्ति देता है।
मैं आशा करती हूँ कि आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ !