Debate on the topic Naitik mulya pathya pusthako tak hi seemith hai. Pls give a short debate for 2+1min and in an understandable language.

 प्रिय मित्र!
हम आपके प्रश्न के लिए अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

उत्तर- आज के युग में नैतिक मूल्यों का महत्व शून्य होता जा रहा है। मानवता घटती जा रही है और मनुष्यों के भीतर का दानव बढ़ता जा रहा है। आज मनुष्य अपने फायदे के लिए किसी और के नुकसान की परवाह नहीं कर रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है, नैतिक मूल्यों का पतन। ऐसे लोग हैं, पर इस प्रकार के लोगों की संख्या कम है। ऐसा कहना उचित नहीं होगा कि नैतिक मूल्य अब केवल पाठ्य पुस्तकों तक ही सीमित रह गए हैं। हमें जानना होगा कि नैतिकता क्या है? नीतिपरक बातों को मानना और बड़ों द्वारा दिए गए संस्कारों को ग्रहण करना ही नैतिकता है। नैतिकता सिखाई नहीं जा सकती। इसका जन्म अपने आप ही होता है। बच्चा जब बड़ा होता है, तो अपने माता-पिता की सिखाई हुई सारी बातों पर अमल करता है। उनमें नीतिपरक बातें भी होती हैं। जिन्हें बच्चा सीखता है। सारे मनुष्य एक जैसे नहीं होते हैं। कई बार ऐसे मनुष्य भी हमारी मदद कर देते हैं, जिनको हम बिलकुल नहीं जानते। ये उनके नैतिक मूल्य ही होते हैं, जो अंजान लोगों की भी मदद करने देते हैं। नैतिक मूल्य अभी भी जिन्दा हैं। हम सभी के अंदर मौजूद हैं। 

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It is 2+1 min. Not 21.
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It should be against the topic.
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