Dhanraj pillai ke charitra ki visheshtain likho

 प्रिय मित्र!
 हम आरंभ करके दे रहे हैं। आप इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।

 धनराज पिल्लै दुबली कद-काठी के हैं। वे बहुत जुझारू स्वभाव के हैं। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक वह जी जान से मेहनत करते हैं। बचपन का समय संघर्षपूर्ण होने के कारण वे तुनुकमिज़ाज हैं। इन्हें गुस्सा अधिक आता है। वे अपने घर परिवार की बहुत इज्ज़त करते हैं। पहले वे अपनी पढ़ाई-लिखाई को लेकर खुद को हीन समझते थे, लेकिन बाद में हॉकी से मिली प्रसिद्धि के बाद उन्हें खुद पर गर्व है। उनका मानना है कि आदमी कितना भी बड़ा हो जाए, घमंड नहीं करना चाहिए। बल्कि, विनम्र ही रहना चाहिए जैसे फल से लदा एक पेड़ झुका रहता है।

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