dikhavati jivan aacha ya bura par nibandh...

मित्र हम आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें-
यह जीवन अमूल्य हैं। हर मनुष्य के जीवन में अलग-अलग उद्देश्य होता है। इसी उद्देश्य को पाने के लिए मनुष्य जीवन पर प्रयास करता है। ऐसे में यदि मनुष्य अपने उद्देश्य से भटककर दिखावे की भेंट हो जाए, तो वह उद्देश्य विहीन हो जाता है। आजकल जिस प्रकार का जीवन है वहाँ मनुष्य दिखावे को बहुत स्थान देते हैं। आप  कमाएँ चाहे पचास हज़ार पर लोगों को दिखाना चाहेंगे कि आप एक लाख कमाते हैं। यही दिखावे का परिणाम है कि क्रेडिट कार्ड इत्यादि रखा जाने लगा है। आय से अधिक खर्च करना। महंगे से महंगे वस्त्र, आभूषण, घड़ियाँ, जूते इत्यादि क्रेडिट कार्ड पर खऱीदना इसी दिखावे का परिणाम है। दिखावा आज समाज में हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होता जा रहा है। लोग साधारण जीवन जीने वालों को गरीब और उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। लेकिन यदि व्यक्ति ने महंगे कपड़े पहने हैं, तो समाज द्वारा उसे ही मान-सम्मान दिया जाता है। यह चलन आज समाज और लोगों के व्यक्तित्व को निगल रहा है।.............

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