duvidha hath sahas se kavi ka kya aashay h chaya mat chuna kavita ke aadhar par spasht karo
आपका उत्तर इस प्रकार है-
दुविधा से कवि का आशय है कि हम हमेशा दुविधा में अपना जीवन गुजार देते हैं। यह करें या वो करें, इसी उधेड़बुन में जिंदगी निकल जाती है। इसके कारण कोई भी रास्ता ठीक से नहीं सूझता। इससे मन की शांति कभी भी नहीं मिल पाती। जिस प्रकार पूर्णिमा की रात को आकाश में चाँद ही न हो, तो उस रात का कोई महत्त्व नहीं होता है।