ek sadharan si chidiya ko dekh kar madhavdas ka man prafullit kyon ho gaya

प्रिय मित्र,

माधवदास बहुत धनी थे, उनके पास साडी सुख – सुविधाएँ थी पर वे खुश नहीं थे|
उन्होंने जब उस सुन्दर चिड़िया को देखा तो उस चिड़िया का इस डाल से उस डाल पर थिरकना देखकर और उसकी प्यारी आवाज़ सुनकर वह प्रफुल्लित हो उठे|
 

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