Father bulke hindi bhasha ke liye kuon chintit the
प्रिय मित्र,
वे सदैव हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए चिंतित रहते थे। इसके लिए वे प्रत्येक मंच पर आवाज उठाते थे। उन्हें उन लोगों पर झुंझलाहट होती थी जो हिंदी जानते हुए भी हिंदी का प्रयोग नहीं करते थे।बुल्के आजीवन हिन्दी की सेवा में जुटे रहे। हिन्दी-अँगरेजी शब्दकोश के निर्माण के लिए सामग्री जुटाने में वे सतत प्रयत्नशील रहे। आज उनका शब्दकोष सबसे प्रामाणिक माना जाता है। उन्होंने इसमें 40 हजार शब्द जोड़े।
वे सदैव हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए चिंतित रहते थे। इसके लिए वे प्रत्येक मंच पर आवाज उठाते थे। उन्हें उन लोगों पर झुंझलाहट होती थी जो हिंदी जानते हुए भी हिंदी का प्रयोग नहीं करते थे।बुल्के आजीवन हिन्दी की सेवा में जुटे रहे। हिन्दी-अँगरेजी शब्दकोश के निर्माण के लिए सामग्री जुटाने में वे सतत प्रयत्नशील रहे। आज उनका शब्दकोष सबसे प्रामाणिक माना जाता है। उन्होंने इसमें 40 हजार शब्द जोड़े।