Full meaning of jivan nahin mara karta hai poem please please tell me
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों,
मोती व्यर्थ लुटाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है।
सपना क्या है नयन सेज पर,
सोई हुई आँख का पानी
और टूटना है उसका ज्यों,
जागे कच्ची नींद जवानी।
गीली उमर बनाने वालों,
डूबे बिना नहाने वालों
कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है।
माला बिखर गई तो क्या है,
खुद ही हल हो गई समस्या
आँसू गर नीलाम हुए तो,
समझो पूरी हुई तपस्या।
रूठे दिवस मनाने वालों,
फ़टी कमीज़ सिलाने वालों
कुछ दीपों के बुझ जाने से, आँगन नहीं मरा करता है।
खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर
केवल जिल्द बदलती पोथी
जैसे रात उतार चांदनी
पहने सुबह धूप की धोती
वस्त्र बदलकर आने वालों !
चाल बदलकर जाने वालों !
चन्द खिलौनों के खोने से, बचपन नहीं मरा करता है ।