give an essay in hindi on mehangayee aur aamadhmi

दिल्ली भारत की राजधानी कहलाती है। इस महानगर में लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए आते हैं। परंतु आज यहाँ पर लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता है; जैसे- रहने के लिए घर नहीं हैं, पीने के लिए साफ़ पानी नहीं है, खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता पर विश्वास नहीं किया जा सकता, बिजली आती कम है और जाती ज्यादा है इसके साथ-साथ बढ़ती मंहगाई ने सबको तंग किया हुआ है। परन्तु मंहगाई इन सारी समस्याओं पर ज्यादा भारी पड़ती है। क्योंकि यदि मंहगाई बढ़ती है, तो वह इन सभी पर सीधे असर डालती है। सरकार चाहे इसका कोई भी कारण दे परन्तु आम आदमी इस मंहगाई से त्रस्त है। मंहगाई उनके जीवन को खोखला बना रही है। महंगाई हर जगह अपना मुँह फाड़े खड़ी है। आय बढ़ती कम है, उसके मुकाबले में मंहगाई कहीं अधिक बढ़ जाती है फिर वह कैसी भी क्यों न हों। खाने का सामान से लेकर कपड़े तक में मंहगाई की मार देखी जा सकती है। आम आदमी के लिए साधारण सपने भी पूरे करने जी का जंजाल बना हुआ है। इस मंहगाई का सबसे ज्यादा असर पेट्रोल की कीमतों पर भी दिखाई देने लगा है। कुछ समय से बार-बार पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण से आम आदमी का जीवन मुश्किल हो गया है। आम आदमी के लिए आमदनी इतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रही, जितनी तेज़ी से पेट्रोल की और अन्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, तो बस या टैक्सी आदि के किरायों में अपने आप बढ़ोतरी हो जाती है। आम आदमी की आमदनी का बड़ा हिस्सा किराया देने में ही निकल जाता है। सरकार लोगों की परेशानियों को अनदेखा कर रही है। लोगों में मंहगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। मिलने वाले वेतन से खर्चा चलना कठिन हो रहा। दूध, सब्जियाँ, फल, कपड़ा तथा अन्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही है। यदि इसी तरह चलता रहा तो भारत एक दिन इस मंहगाई की भेंट चढ़ जाएगा।

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