guru aur shishya ke sambandh --- can I get a parahon it ?

thanks a LOT in advance !

^_^

 मित्र हम आप को आरंभ कर के दे रहे हैं। कृपया इसे आप स्वयं पूरा करें। 

गुरु और शिष्य का संबंध बहुत पवित्र होता है। गुरु हमेशा अपने शिष्यों को सही राह दिखते हैं। उन्हें ज्ञान प्रदान करते हैं, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल होता है। गुरु शिष्य के लिए अमूल्य निधि के समान होता है। शिष्य के सफलता पर सबसे ज़्यादा खुशी गुरु को होती है। यदि गुरू का एक भी शिष्य लायक निकल जाए, तो उसका गुरुत्व सफल हो जाता है। जैसे रामकृष्ण परमहंस जी के शिष्य स्वामी विवेकानंद जी थे। जहाँ विवेकानंद को परमहंस जी के रूप में एक महान गुरू मिले, वहीं विवेकानंद के रूप में परमहंस जी को महान शिष्य मिले। इस तरह दोनों ने एक-दूसरे के जीवन को सार्थक कर दिया। इससे पता चलता है कि गुरू और शिष्य का संबंध मित्र के समान मधुर, स्नेह से युक्त होता है। ...................................

 

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