hello friends i need a poem on clouds if any1 can help me where i can get them from
नमस्कार मित्र!
हम आपको बादल की कविता भेज रहे हैं। आशा करते हैं यह आपके काम आएगी।
नभ में छाए ले बादल
कहीं लाल कहीं भूरे बादल।
उमड़-उमड़ कर आते बादल,
दिन को रात बनाते बादल।
पानी भरकर लाते बादल,
धरती पर बरसाते बादल।
सूखे बाग-बगीचों को फिर,
हरा-भरा कर जाते बादल।
कभी रूठकर जाते बादल,
और कभी तरसाते बादल।
हलवाहों को दुखी देखकरस
झट पानी बरसाते बादल।
आ रे बादल! प्यारे बादल,
सबका मन हरषा रे बादल!
सूखी धरती हरी-भरी कर,
तू भी तो इठला रे बादल!
ढेरों शुभकामनाएँ!