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 Savitri madam रहीम के दोहे इस कविता का अर्थ ?

Dear Student,

रहीम के दोहों का अर्थ इस प्रकार है-
(1)  रहीम कहते हैं कि संपत्ति होने पर तो सब ही आपके सगे-संबंधी व मित्र बन जाते हैं। उनकी कसौटी मुसीबत के क्षणों में ही होती है। जो लोग हर प्रकार की मुसीबत में आपका साथ निभाते हैं और आपका साथ नहीं छोड़ते वही सच्चे मित्र कहलाते हैं।
(2)  पानी व मछली से भरे तालाब में जाल फेंकने से पानी तो मछली को छोड़कर जाल से बाहर निकल जाता है। परन्तु मछली पानी के मोह में अपने प्राणों को त्याग देती है।
(3)  वृक्ष अपने फलों को स्वयं नहीं खाते है ना ही तालाब अपना पानी स्वयं पीते है। ये दोनों तो दूसरों की भूख व प्यास बुझाते हैं। इसलिए मनुष्य को चाहिए की संपत्ति का संचयन अपने लिए न करके दूसरों की सहायता के करे।
(4) रहीम कहते हैं कि वही बादल गरजते हैं, जो बारिश नहीं करते। परन्तु उनकी गरजना से यही अभास होता है कि यह बारिश अवश्य करेगें। उसी प्रकार धनी व्यक्ति गरीब हो जाने पर अपने बीते समय की डीगें हाँकते रहते हैं। मानो अब भी उनका वही समय चल रहा है।
(5)  जिस तरह धरती गर्मी, सर्दी व बरसात की मार को अपनी देह में सह जाती है। उसी प्रकार मनुष्य का वही शरीर, शरीर कहलाता है, जो विपत्ति को सह जाता है।  
 
आशा करती हूँ कि आपको, आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
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ढ़ेरो शुभकामनाएँ!

 

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