hindi essay on stray dogs

 

मित्र !

आवारा कुत्तों पर निबंध इस प्रकार है :

आवारा, घर से निकाले गए, भटके हुए या रास्ते पर छोड़े गए कुत्तों की एक बड़ी संख्या भारत के प्रत्येक शहर में मिलेगी । ये बिना किसी डर के घूमते हैं । जहाँ कहीं भी खाना मिल जाए ये खा लेते हैं । कई बार तो ये अपने खाने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को परेशान कर देते   हैं । पिछले साल आवारा कुत्तों ने 1 लाख से ज्यादा लोगों को काटा । इन कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है । आवारा कुत्ते 20-20 के झुंड में कहीं भी घूमते हुए नजर आ जाते हैं । इनके प्रकोप से कोई भी नहीं बचा है । इनके काटने से ‘रैबीज’ रोग हो सकता है । आवारा कुत्ते तरह-तरह की बीमारियाँ लिए हुए होते हैं । उनके काटने पर तुरंत चिकित्सा आवश्यक होती है। रैबीज से प्रतिवर्ष 29,000 से अधिक मौतें होती हैं ।  कुत्तों की नसबंदी कराने संबंधी प्रयास भी बहुत कम हैं। इस सम्बन्ध में और प्रयास करने की आवश्यकता है। आवारा कुत्तों की समस्या यदि इसी प्रकार बढ़ती रही, तो एक दिन हम लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कुत्तों की नसबंदी को लेकर क्रूरता बरते जाने पर अप्रसन्नता दिखाई है ।  यदि समय रहते इनका प्रबंध नहीं किया गया, तो इस समस्या को किस प्रकार हल किया जा सकेगा, यह सोचने की बात है !

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