कन्यादान कविता में मां ने बेटी को जो सीख दी ह,ै क्या वह आज के युग के अनुकूल ह? स्पष्ट कीजिए
माँ ने बेटी को जो-जो सीख कविता में दी है, वह आज के समय के ही अनुकूल है। यह कविता अधिक पुरानी नहीं है। अतः हम यह नहीं कह सकते हैं कि कविता आज के समय के अनुकूल नहीं है। आज भी समाज में दहेज उत्पी़ड़न की समस्या विद्यमान है। आज भी लड़की को अपने भविष्य के स्थान पर परिवार को अहमियत देना पड़ता है। आज भी वह सौंदर्य के जाल में फंसकर अपने भविष्य को तबाह कर देती है।