हवादार साहब की समझ मे कौन सी बात नही आई?
मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है -
हालदार साहब हमेशा पान खाने के बाद मूर्ति को देखते थे। हर बार मूर्ति के चश्मे का फ्रेम बदला पाते। पहले चौकोर फ्रेम वाला मोटा चश्मा था और अब गोल चश्मा था। हालदार साहब ने उत्सुकतावश पानवाले से पूछा, तो पता चला कि कैप्टन चश्मे वाला फ्रेम बदलता है। हालदार साहब को यह बात समझ नहीं आई।
आपका उत्तर इस प्रकार है -
हालदार साहब हमेशा पान खाने के बाद मूर्ति को देखते थे। हर बार मूर्ति के चश्मे का फ्रेम बदला पाते। पहले चौकोर फ्रेम वाला मोटा चश्मा था और अब गोल चश्मा था। हालदार साहब ने उत्सुकतावश पानवाले से पूछा, तो पता चला कि कैप्टन चश्मे वाला फ्रेम बदलता है। हालदार साहब को यह बात समझ नहीं आई।