रंगभूमि उपन्यास की भाषा
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आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
रंगभूमि उपन्यास की भाषा भावप्रधान, सरल और सामान्य लोगों को भी आसानी से समझ आने वाली है। उपन्यास में अन्य भाषाओं के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। प्रेमचंद की भाषा इतनी व्यवहारिक होती है कि साधारण व्यक्ति भी आसानी से समझ लेता है। रंगभूमि उपन्यास में क्लिष्ट और स्वच्छ शब्दों का प्रयोग किया गया है।
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रंगभूमि उपन्यास की भाषा भावप्रधान, सरल और सामान्य लोगों को भी आसानी से समझ आने वाली है। उपन्यास में अन्य भाषाओं के शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। प्रेमचंद की भाषा इतनी व्यवहारिक होती है कि साधारण व्यक्ति भी आसानी से समझ लेता है। रंगभूमि उपन्यास में क्लिष्ट और स्वच्छ शब्दों का प्रयोग किया गया है।