.रैदास की भक्ति किस भाव की है ?

मित्र ,जहाँ वो ईश्वर को स्वामी मानते हैं और स्वयं को दास मानकर उनके प्रति पूरी तरह समर्पित हो जाना चाहते हैं। अर्थात उनकी भक्ति 'दसिया भाव' की है।  — रैदास ने प्रभु से अपना संबंध चंदन और पानी की तरह निरूपित किया है, जहाँ प्रभु चंदन और भक्त रैदास पानी हैं।

  • 1
What are you looking for?