अष्वघोष के बुद्धचरित की पांडुलिपियां कहां मिली थी?

प्रिय छात्र !
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं जिनसे आप अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं- 
 अश्वघोष ने बुद्धचरित की रचना संस्कृत भाषा में की थी। कालांतर में इसकी मूल पांडुलिपि लुप्त हो गई । चीनी भाषा  मे उसका अनुदित रूप विद्यमान था । इस ग्रंथ की मूल संस्कृत प्रतिलिपि खंडित रूप में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में उपलब्ध थी। भारतीय विद्वान हरिप्रकाश शास्त्री को कैंब्रिज विश्वविद्यालय जैसी एक प्रतिलिपि नेपाल दरबार के पुस्तकालय में मिली । चीनी भाषा के अतिरिक्त तिब्बती भाषा में भी बुद्धचरित का अनुवाद उपलब्ध था।
सादर।

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