प्रत्येक व्यक्ति को अपना कार्य स्वयं करना चाहिए किंतु कामचोर पाठ में पिताजी ने ऐसा क्यों कहा होगा कि अगर किसी ने भी काम किया तो उसे रात का खाना नहीं मिलेगा? स्पष्ट रूप से व्याख्या कीजिए।
ख) पेड़ से गिरती हुई पत्तियों को थामने वाले हाथ के माध्यम से कवियत्री क्या कहने का प्रयास कर रही हैं?
ग) कवयित्री ने किसी के प्रतीक्षा करने मात्र से ही कठिन समय ना होने की बात कही है, इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं? स्पष्ट व्याख्या कीजिए।
घ) जीवन में यदि कठिन परिस्थितियाँ ना आए तो जीवन जीने का मजा ही नहीं आता। क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं ?
तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
ङ) सुख और दुख में आप कैसा अनुभव करते हैं दोनों ही बिंदुओं पर अपने अनुभव स्पष्ट रूप से बताने के लिए किसी घटना का वर्णन कीजिए।

प्रिय मित्र,
हम सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सकते हैं। हम आपको पहले प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं। वह इस प्रकार है-

(क) हमें अपना काम स्वयं करना चाहिए यह बहुत अच्छी बात होती है मगर बच्चे कामचोर कहानी के हों, तो उनका काम न करना ही उचित होगा। वे काम करने के स्थान पर उसे बिगाड़ कर रख देते थे। उनके कारण घर में अन्य काम बढ़ गए। सारा घर परेशान हो गया और जो नुकसान हुआ अलगा। अतः उनके पिताजी ने उन्हें रोकने के लिए कहा कि कोई काम करेगा, तो उसे खाना नहीं मिलेगा।

आशा करते हैं कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।

धन्यवाद।

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