मंदिर के सौंदर्य का वर्णन कविता के आधार पर अपने शब्दों में कीजिये ?

मित्र एक ऊँचे पर्वत पर यह मंदिर बना हुआ था। मंदिर अत्यंत विशाल तथा सुंदर था। उस मंदिर पर स्थापित स्वर्ण-कलशों पर जब सूर्य की किरणें पड़ती तो वे कलश कमल के फूलों की भांति चमक उठते थे। कहने का तात्पर्य यह है कि सूरज की किरणों से सारा मंदिर जगमगा उठता था। उस मंदिर का आँगन धूपबत्ती तथा दीपों की सुगंध से महक रहा था।  उस मंदिर के अंदर तथा बाहर भक्तों द्वारा गाए गए भजनों की स्वर-धारा बह रही थी। 

  • 2
What are you looking for?