पड़ोस - कल्चर से विछिन्न करके, हमे कितना संकुचित, असह्य , और अशुर्क्षित बना दिया है???
स्पस्ट क्जिये कृपया...धन्यवाद...

भारत में पड़ोसी कल्चर था। उस समय पड़ोसी हमारा पहला हितैशी होता था। मुसीबत और अच्छे समय में वही पहला व्यक्ति होता था। पड़ोसियों के कारण ही हम अपने घर को और अपने को सुरक्षित समझा करते थे। लेकिन जैसे-जैसे यह कल्चर समाप्त होने लगा हमें पता लगने लगा कि पड़ोसियों के बिना हम अकेले हैं। उनके न होने से हम संकुचित बन गए और इसके कारण ही हम असह्य हो गए क्योंकि हमारी सहायता करने वाला अब हमारे पास नहीं था। पड़ोसियों के अभाव में हम असुरक्षित रहने लगे।

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