hrati kranti-in hindi
हरित क्रांति का प्रयोग भारत के कृषि क्षेत्र में अद्भूत रूप से होने वाली बढ़त को दर्शाने हेतु किया जाता है। इसके अंदर प्रयास किया जाता है कि खाद्य उत्पादन में ऐसे प्रयास किए जाएँ कि देश की पैदावार कई गुना बढ़ जाए। इसके साथ ही कृषि की उत्पादन क्षमता में लंबे समय तक उच्च स्तर के विकास को बढ़ावा दिया जाता है। 60 के दशक में हरित क्रांति का संबंध देश में उगने वाले गेहूँ और चावल की खेती तक सीमित था। पंजाब में गेहूँ की पैदावार सबसे अधिक होती है। इसके साथ ही तमिलनाडू और आंध्र प्रदेश में चावलों की पैदावार अधिक होती है। 70 के बाद तो हरित क्रांति इन राज्यों से बाहर निकलकर अन्य राज्यों पर फैलने लगी। हरित क्रांति ने किसानों को विशेष लाभ मिला था। हरित क्रांति देश के विकास और प्रगति पर भी गहरा प्रभाव छोड़ती है।