निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

अनुनय-विनय नहीं सुनता है, विकट फिरंगी की माया,
व्यापारी बन दया चाहता था जब यह भारत आया,
डलहौजी ने पैर पसारे अब तो पलट गई काया,
राजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों से ठुकराया,
रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महारानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसीवाली रानी थी।

I. कवियत्री और कविता का नाम बताइए?
II. कविता में फिरंगी किसे कहा है?
III. अंग्रेज़ों के आने पर कौन दासी बन गई थी?
IV. ''डलहौजी ने राजाओं और नवाबों को पैरों से ठुकराया'' कविता में ऐसा क्यों कहा गया है?

I. सुभद्रा कुमारी चौहान (झाँसी की रानी)

II. कविता में फिरंगी ब्रिटिश सरकार को कहा गया है।

III. झाँसी की रानी दासी बन गई थी।

IV. डलहौजी ने राजाओं और नवाबों का धोखे से राज-पाठ हड़प लिया। अनुनय विनय करने पर भी उसने उनकी एक न सुनी और उन्हें गुलाम बना लिया। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नियों को उनके राज्य से निकाल बाहर किया। उस विवशता को दिखाने के लिए ऐसा कहा गया है।

  • 0
What are you looking for?