i want an article on meethi vaani bolne ka jeevan me mahatv

मित्र इस विषय पर हम आपको कुछ पंक्तियां लिखकर दे रहे हैं। इन्हें स्वयं विस्तारपूर्वक लिखिए- मनुष्य के जीवन में वाणी का बहुत महत्व होता है। वाणी उसके व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है। वाणी के द्वारा ही मनुष्य अन्य लोगों से संबंध स्थापित करता है। मन के भावों और विचारों का आदान-प्रदान भी वाणी के कारण ही संभव हो पाया है। विद्वानों के अनुसार यदि मनुष्य सबको अपना मित्र बनाना चाहता है,तो उसे अपनी वाणी मीठी रखनी चाहिए। मीठी वाणी से वह अपने शत्रुओं को भी बिना किसी अस्त्र-शस्त्र की सहायता से परास्त कर सकता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कौआ और कोयल हैं। कौआ किसी का अहित नहीं करता है और कोयल किसी का हित नहीं करती परन्तु लोग कौए का स्वर सुनते ही मुँह बना लेते हैं और कोयल की कू-कू सुनते ही मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। यह वाणी का ही प्रताप है, जो कि लोग कोयल का मधुर स्वर सुनकर उसकी प्रंशसा करने लगते हैं। जबकि कौआ और कोयल दोनों ही काले होते हैं। विद्वानों के अनुसार वाणी ऐसी होनी चाहिए, जो कि दूसरों का मन हर ले। जो वाणी मित्र के स्थान पर शत्रुओं की संख्या में बढ़ोतरी करे, ऐसे से तो न बोलना ही उचित है। लोगों के अनुसार मीठी वाणी औषधी के समान कार्य करती है और कठोर वाणी तीर के समान। अत: सही कहा गया है कि मनुष्य को मीठा ही बोलना चाहिए।

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