i want an essay on atangwad pls answer my question

नमस्कार मित्र!
 
'आतंकवाद' का नाम सुनते ही मन में दहशत जाग उठती है। समय बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही है परन्तु कुछ असामाजिक तत्वों की सोच वहीं की वहीं अटकी हुई है। आज यह विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था और उसकी सुरक्षा पर एक सवालिए निशान की भांति है, आतंकवाद। पहले इसका स्तर छोटे-छोटे भू-भागों के लिए लड़ने वाले वर्गों तक सीमित था। परन्तु अब यह समस्त विश्व में भंयकर बीमारी की तरह उभर रहा है।
आतंकवाद का भयानक रूप हिंसा है। आज इस आतंकवाद बीमारी को राजनिति में भी भुनाया जाता है। एक गंदी राजनीति और भयंकर अपराधियों के परस्पर संयोग से आतंकवाद नाम की बीमारी उत्पन्न होती है। यह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करता, यह तो गोली के आधार पर शासन करने में विश्वास रखता है। स्वतंत्रता और अपनी नाजायज़ मांगों को रक्त बहाकर मनवाने में विश्वास रखता है। इसके लिए दया, ममता और अहिंसा जैसे शब्द खोखले हैं।
लोकतंत्र की नींव के लिए यह सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद की इस बीमारी से आम जनता को त्रस्त होना पड़ता है। आतंकवादी यह जानते हैं कि सरकार को झुकाना है तो आम जनता में हिंसा के माध्यम से भय फैलाकर किया जा सकता है। इससे आम जनता को जो मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट सहन करना पड़े, उन्हें उनसे कोई सरोकार नहीं है। यह एक मनोवैज्ञानिक खेल है, इसमें कुछ को मारकर हज़ारों में डर पैदा करने का प्रयास किया जाता है। यह कार्य भी करता है।
आतंकवाद जन्म ही आंतरिक विद्रोह से जन्म लेता है। जब यह देश से बाहर व्यापक स्तर पर फैल जाता है तो आतंकवाद का रूप धारण कर लेता है। अलकायदा और तालिबान गुट इसके सबसे बड़े उदाहरण है। भारत में कई वर्षों से आतंकवादी गतिविधियाँ में बढ़ोतरी हुई है। कश्मीर घाटी आज तक इस आग में जल रही है। इस आग की लपटे दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगरों तक भी पहुँच गई है। हमारे देश में आतंकवाद इसकी एकता और अखंडता के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
यह आंतकवाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहुँच बना चुका है। भारत, अफगानिस्तान, अमेरिका और रूस जैसे देशों में इनका तांडव देखने को मिल जाता है। भारत में मुंबई शहर के ताजहोटल में और अमेरिका में वल्ड ट्रेड सेन्टर में हुए आंतकवादी हमले सबसे बड़े हमले थे। इंसानियत को समाप्त कर हिंसा का ऐसा विभत्स रूप देखते ही लोगों के ह्दय काँप गए।
 हमें चाहिए कि इन हमलों से डरने के स्थान पर संयम से काम लें। अपनी देश की एकता और अखण्डता को बनाएँ रखें। सभी धर्म के लोग आपस में मिल-जुलकर रहें। असामजिक तत्वों से सावधान रहें। आतंकवाद देश में उथल-पुथल मचा सकता है लेकिन यदि हम उस एक होकर इनका सामना करेंगे तो यह तत्व हमारा और हमारे देश का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। हम यह भुल जाते हैं कि हिंसा करने वाले को हिंसा ही मिलती है। बुरे का अंत बुरा ही होता है। लादेन की दर्दनाक मृत्यु इसका सबसे बड़ा उदाहरण है
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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 go to osama bin laden

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 good one!!

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thumbs up plzzz..

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do u think this is right answer.pls keep ur manners.if u don't know don't answer.

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thank u teacher..

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