Inke arth spast kre

मित्र ! रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय। टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥ रहीम के दोहे भावार्थ : रहीम के इन दोहों में रहीम जी ने हमें प्रेम की नाजुकता के बारे में बताया है। उनके अनुसार प्रेम का बंधन किसी नाज़ुक धागे की तरह होता है और इसे बहुत संभाल कर रखना चाहिए। हम बलपूर्वक किसी को प्रेम के बंधन में नहीं बाँध सकते। ज्यादा खिंचाव आने पर प्रेम रूपी धागा चटक कर टूट सकता है। प्रेम रूपी धागे यानि टूटे रिश्ते को फिर से जोड़ना बेहद मुश्किल होता है। अगर हम कोशिशें करके प्रेम के रिश्ते को फिर से जोड़ लें, तब भी लोगों के मन में कोई कसक तो बनी ही रह जाती है। दूसरे शब्दों में, अगर एक बार किसी के मन में आपके प्रति प्यार की भावना मर गई, तो वह आपको दोबारा पहले जैसा प्यार नहीं कर सकता। कुछ न कुछ कमी तो रह ही जाती है। रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय। सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहै कोय॥ रहीम के दोहे भावार्थ : रहीम के इन दोहों में हमें रहीम जी ने बहुत ही काम की सीख दी है। जिसके बारे में हम सब जानते हैं। रहीम जी इन पंक्तियों में कहते हैं कि अपने मन का दुःख हमें स्वयं तक ही रखना चाहिए। लोग ख़ुशी तो बाँट लेते हैं। परन्तु जब बात दुःख की आती है, तो वे आपका दुःख सुन तो अवश्य लेते हैं, लेकिन उसे बाँटते नहीं है। ना ही उसे कम करने का प्रयास करते हैं। बल्कि आपकी पीठ पीछे वे आपके दुःख का मज़ाक बनाकर हंसी उड़ाते हैं। इसीलिए हमें अपना दुःख कभी किसी को नहीं बताना चाहिए। एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय। रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय॥ रहीम के दोहे भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि हमें यह शिक्षा देते हैं कि एक बार में एक ही काम करने चाहिए। हमें एक साथ कई सारे काम नहीं करने चाहिए। ऐसे में हमारे सारे काम अधूरे रह जाते हैं और कोई काम पूरा नहीं होता। एक काम के पूरा होने से कई सारे काम खुद ही पूरे हो जाते हैं। जिस तरह, किसी पौधे को फल-फूल देने लायक बनाने हेतु, हमें उसकी जड़ में पानी डालना पड़ता है। हम उसके तने या पत्तों पर पानी डालकर फल प्राप्त नहीं कर सकते। ठीक इसी प्रकार, हमें एक ही प्रभु की श्रृद्धापूर्वक आराधना करनी चाहिए। अगर हम अपनी आस्था-रूपी जल को अलग-अलग जगह व्यर्थ बहाएंगे, तो हमें कभी भी मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता।

  • 3
Why..
  • 0
Send me ur Instagram if
  • 0
Hi Sneha please accept my friend request
  • 1
Id..
  • 0
What are you looking for?